अक्सर कुछ लिखता मिटाता रहता हूँ मैं, हा एक नाम छूपाता रहता हूँ मै !
कोई प्यार से जरा सी फुंक मार दे, तो बुझ जाऊं..!!!नफरत से तो तुफान भी... हार गए मुझे बुझाने में ।। जिंदगी भले छोटी दे देना ऐ खुदा,मगर देना ऐसी...कि मुद्दतों तक लोगो के दिलों मे जिंदा रहे.
कामयाबी ए सफ़र मे धूप बड़ी काम आई, छांव अगर होती तो सो गये होते.
अक्स -ऐ -खुशबू हूँ बिखरने से न रोके कोई, और बिखर जाऊं तो मुझे न समेटे कोई