Friday 16 June 2017

अक्सर कुछ लिखता मिटाता रहता हूँ मैं, हा एक नाम छूपाता रहता हूँ मै !

कोई प्यार से जरा सी फुंक मार दे, तो बुझ जाऊं..!!!😌 नफरत से तो तुफान भी... हार गए मुझे बुझाने में ।।😎 



जिंदगी भले छोटी दे देना ऐ खुदा, मगर देना ऐसी... कि मुद्दतों तक लोगो के दिलों मे जिंदा रहे.
कामयाबी ए सफ़र मे धूप बड़ी काम आई,


छांव अगर होती तो सो गये होते.
अक्स -ऐ -खुशबू हूँ बिखरने से न रोके कोई,

और बिखर जाऊं तो मुझे न समेटे कोई

ज़ख़्म दे कर ना पूछा करो, दर्द की शिद्दत,
दर्द तो दर्द होता हैं थोड़ा क्या, ज्यादा क्या