हर मुलाकात पर वक़्त का तकाज़ा हुआ,
जब जब उसे देखा दिल का दर्द ताज़ा हुआ,
सुनी थी सिर्फ ग़ज़ल में जुदाई की बातें,
अब खुद पर बीती तो हक़ीक़त का अंदाज़ा हुआ.
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जब जब उसे देखा दिल का दर्द ताज़ा हुआ,
सुनी थी सिर्फ ग़ज़ल में जुदाई की बातें,
अब खुद पर बीती तो हक़ीक़त का अंदाज़ा हुआ.
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