Tuesday 30 June 2015

Some Lines



वफादार और तुम...?? ख्याल अच्छा है....
 बेवफा और हम...?? इल्जाम भी अच्छा है...
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एक बात पूछूं जवाब मुस्कुरा के देना......
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मुझे रुला कर तुम खुश तो होना ?
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संवर रही है अब वो किसी और के लिए,

पर मैं बिखर रहा हूँ आज भी उसी के लिए...
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वो बड़े ताजूब से पूछ बैठा मेरे गम की वजह....................

फिर हल्का सा मुस्कराया, और कहा मोहब्बत की थी ना ?.
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मेहमान-ए-ख़ास


बेवफ़ाओं की महफ़िल लगेगी आज......
ज़रा वक़्त पर आना  मेहमान-ए-ख़ास हो तुम.....

Wednesday 24 June 2015

अपनो से जंग

ज़िन्दगी का ये हूनर भी,
          आज़माना चाहिए,
जंग अगर अपनो से हो,
      तो हार जाना चाहिए

अपनो से जंग

ज़िन्दगी का ये हूनर भी,
          आज़माना चाहिए,
जंग अगर अपनो से हो,
      तो हार जाना चाहिए

Tuesday 23 June 2015

मेहमान-नवाज़ी

कुछ तो बात है मेरी
मेहमान-नवाज़ी में,
कि ग़म एक बार आकर
वापस नहीं जाते...

Wednesday 17 June 2015

तनहाँ नहीं हूँ मैं

मुश्किलें जरूर हैं, मगर ठहरा नहीं हुँ मैं,
मंजिल से जरा कह दो, अभी पहुँचा नहीं हूँ मैं।।
कदमो को बाँध न पाएगी, मुसीबत कि जंजीरे,
रास्तों से जरा कह दो, अभी भटका नहीं हूँ मैं।।
सब्र का बाँध टूटेगा, ते फ़ना कर के रख दूँगा,
दुश्मन से जरा कह दो, अभी गरजा नहीं हूँ मैं।।
साथ चलता है, दुआओं का काफिला,
किस्मत से जरा कह दो, अभी तनहाँ नहीं हूँ मैं।।

Khat parh ke hamara

Kehna hi parra un ko ye khat parh ke hamara..

Kambakhat ki har baat mohabbat se bhari hai...

बरस के तो देख

☔☔तू बेइन्तेहा बरस के तो देख.....

मिट्टी का बना हूं, महक उठुंगा.....

Saturday 6 June 2015

इंतझार 2

"घांव इतना गहरा है बयां क्या करे

हम खुद निशाना बन गये अब वार क्या करे

जान निकल गयी मगर खुली रही आंखें

अब इससे ज्यादा उनका इंतझार क्या करे"

"नादान"

"ये सांपो  की बस्ती है, देख के चल
"नादान"
यहाँ का हर शख्स, बड़े प्यार से डसता है...!"

मेरा कारोबार

मत पूछ की क्या कारोबार है..... 


मेरा बस मोहब्बत की दुकान है नफरत के बाजार में।।

इंतजार

हैरान_हूँ_में_खुद_अपने_सब्र_का
#पैमाना_देखकर,
♡♡
#उसने_याद_नही_किया
#और
#मैने_इंतजार_नहीं_छोड़ा..!!!- ☆

Friday 5 June 2015

वो ज़ज़्बात जिन्होंने कभी मुझे छुआ था....

अहिस्ता आहिस्ता वो पन्नों मे कैद होते जा रहे हैं...